आरूषि हत्याकांड: गोल्फ क्लब की थ्योरी का सच

 आरूषि हत्याकांड: गोल्फ क्लब की थ्योरी का सच गाजियाबाद: अक्तूबर 2009 में जब आरूषि हेमराज हत्याकांड मामले की जांच एजी एल कौल की अगुवाई में विशेष जांच दल को सौंपी गई थी तब तक इसमें गोल्फ क्लब वाली कोई थ्योरी नहीं थी।

विशेष जांच दल ने कहा कि डॉ राजेश तलवार ने आरूषि के कमरे में उसे और नौकर हेमराज को आपत्तिजनक स्थिति में पाने के बाद गोल्फ क्लब से दोनों पर क्रूरतापूर्वक प्रहार किया। उन्होंने आरूषि के माथे पर और हेमराज के सिर पर प्रहार किया। डॉ राजेश और डॉ नूपुर को 15-16 मई 2008 की रात को नोयडा स्थित अपने आवास में 14 वर्षीय बेटी आरूषि तथा नौकर हेमराज की हत्या का दोषी ठहराया गया है।

सीबीआई ने कहा कि आरूषि के माथे पर अंग्रेजी के ‘वी’ अक्षर जैसा चोट का निशान गोल्फ क्लब की चोट से ही हो सकता था क्योंकि यह निशान गोल्फ क्लब की सतह से प्रहार करने पर हुई चोट से मिलता था।

आरूषि और हेमराज के शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सुनी दोहरे और डॉ नरेश राज ने निष्कर्ष निकाला कि मृतकों की चोट संभवत: गोल्फ क्लब की वजह से थी। इस थ्योरी को साबित करने के लिए विशेष जांच दल ने 25 सितंबर 2009 को डॉ मोहिंदर सिंह दाहिया से संपर्क किया। दल ने गुजरात फारेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी के डा दाहिया से अपराध स्थल के विश्लेषण पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा।

दाहिया सीबीआई अधिकारियों के साथ नौ अक्तूबर 2009 को तलवार के आवास पर गए। बहरहाल बचाव पक्ष का दावा था कि दाहिया कभी तलवार के आवास पर गए ही नहीं और अपराध स्थल, मृतकों की 14 तस्वीरों, अभियोजन पक्ष के कुछ गवाहों, डा दोहरे तथा मामले के जांच अधिकारी के करीब 161 बयानों के आधार पर उन्होंने अपनी रिपोर्ट बना दी।

दाहिया ने 26 अक्तूबर 2009 को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें उन्होंने साफ कहा कि हत्या संभवत: गोल्फ क्लब तथा सर्जिकल ब्लेड से की गई है और हत्या में तलवार दंपती को छोड़ कर कोई बाहरी आदमी शामिल नहीं था। दाहिया ने यह भी कहा था कि आरूषि और हेमराज की हत्या आरूषि के बिस्तर पर ही की गई।

इस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई के जांच दल ने 29 अक्तूबर 2009 को तलवार दंपती को नोटिस भेज कर गोल्फ क्लब पेश करने को कहा। अगले दिन तलवार दंपती ने करीब दर्जन भर गोल्फ क्लब पेश कर दिये। सीबीआई ने सभी को सील कर दिया।

सीबीआई ने सीएफएसएल के वैज्ञानिक डी के तंवर की जांच का भी हवाला दिया। तंवर ने पाया कि जांच के दौरान दो गोल्फ क्लब (लोहे की गोल्फ क्लब संख्या 4 और लकड़ी की गोल्फ क्लब संख्या 5) अन्य की तुलना में साफ थीं। सीबीआई की थ्योरी के अनुसार, आरोपियों ने सबूत नष्ट करने के लिए हत्या के कथित हथियार को साफ किया था।

2 अगस्त 2012 को जांच एजेंसी ने डॉ तलवार के ड्राइवर को दोनों गोल्फ क्लब की शिनाख्त करने के लिए सीबीआई आफिस बुलाया जिन्हें उसने जनवरी 2008 में हेमराज के कमरे में रखा था। सीबीआई की थ्योरी के अनुसार, राजेश ने आरूषि और हेमराज को मारने के लिए हेमराज के कमरे से एक गोल्फ क्लब उठाया था।
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