चोगम, श्रीलंका के पास छुपाने को कुछ नहीं: महिंदा राजपक्षे
जनता जनार्दन डेस्क ,
Nov 14, 2013, 16:42 pm IST
Keywords: राष्ट्रमंडल देशों शासनाध्यक्षों की बैठक चोगम राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे Commonwealth Heads of Government meeting CHOGM President Mahinda Rajapaksa
कोलंबो: राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के एक संवाददाता सम्मेलन में आज लिट्टे के खिलाफ युद्ध के दौरान तमिल नागरिकों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप प्रमुखता से छाए रहे। राष्ट्रपति ने इन आरोपों का कड़ाई से बचाव करते हुए कहा कि उनके पास छुपाने को कुछ नहीं है।
आज सुबह करीब 30 मिनट के संवाददाता सम्मेलन में राजपक्षे ने तमिलों और विशेषकर इस समुदाय को एक संदेश भी भेजा कि वह उनके साथ मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने तमिल समुदाय को वार्ता का न्यौता भी दिया। उन्होंने यह वादा भी किया कि जो भी प्रताड़ना और मानवाधिकार उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम बेहद खुले रूप में हैं। हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि एक कानूनी व्यवस्था है, मानवाधिकार आयोग और लेसन लन्र्ट एंड रिहेबलिटेशन कमीशन (एलएलआरसी) है, जहां लोग युद्ध के दौरान प्रताड़ना, बलात्कार और हत्या की शिकायत कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तमिलनाडु के राजनीतिक दलों द्वारा श्रीलंका में तमिलों की हत्या और तमिल बहुल नार्दर्न प्रोविंस सरकार को उचित अधिकार देने में श्रीलंका सरकार के विफल रहने को लेकर विरोध जताए जाने के बाद इस सम्मेलन से दूर रहने का फैसला किया था। तमिलनाडु के राजनीतिक दलों का कहना था कि सिंह की मौजूदगी राजपक्षे के अपराधों को सही ठहराएगी। |
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