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मुशर्रफ के देश छोड़ने की याचिका पर सुनवाई 18 को

मुशर्रफ के देश छोड़ने की याचिका पर सुनवाई 18 को कराची: पाकिस्तान के सिंध उच्च न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के देश से बाहर जाने पर लगी रोक के खिलाफ दायर उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 18 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है।

मुशर्रफ के कानूनी दल ने निर्गम नियंत्रण सूची (ईसीएल) से मुशर्रफ का नाम हटाने का आग्रह करते हुए अदालत में एक याचिका दायर की है। ईसीएल में शामिल लोगों के देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध है। अदालत ने इससे पहले के अपने आदेश में सुनवाई अदालतों की इजाजत के बिना उनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी।

उनके प्रमुख वकील रजा कसूरी ने कहा कि पूर्व सैन्य शासक गंभीर रूप से बीमार और यात्रा करने में अक्षम अपनी 95 वर्षीय मां का हाल चाल जानने के लिए दुबई जाना चाहते हैं। इस वर्ष मई में हुए चुनावों से पहले वतन वापस लौटे मुशर्रफ के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या सहित कई मामलों में सुनवाई चल रही थी और वह उन सभी में सुनवाई अदालतों से जमानत लेने में कामयाब रहे हैं।

इस्लामाबाद के बाहर स्थित अपने विशाल चक शहजाद फार्म हाउस में छह महीने से भी अधिक समय तक नजरबंद रहे पूर्व राष्ट्रपति को लाल मस्जिद के इमाम अब्दुल रशीद गाजी की हत्या के मामले में पिछले सप्ताह जमानत मिल गई थी। कसूरी ने कहा कि विधायी दल को पूरा भरोसा है कि इस मामले में 18 नवंबर को होने वाली सुनवाई में ईसीएल पर मुशर्रफ की याचिका मंजूर कर ली जाएगी।

अदालत में यह याचिका दायर करने वाले मुशर्रफ के कानूनी सलाहकार ए.के. हलेपोता ने संवाददाताओं से कहा कि मुशर्रफ का नाम ईसीएल में डाला जाना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन था। इसलिए उन्होंने अदालत से उसके पूर्व के आदेश को संशोधित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ को अगर दुबई या किसी अन्य देश जाने की अनुमति मिल जाती है, तो वह निश्चित रूप से पाकिस्तान वापस लौटेंगे।
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