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दो-तीन सप्ताह में प्याज के दाम नीचे आएंगे: शरद पवार

दो-तीन सप्ताह में प्याज के दाम नीचे आएंगे: शरद पवार नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को जोर देकर कहा कि प्याज की कमी सिर्फ ‘अस्थायी’ है और इसकी कीमतों में अगले दो-तीन सप्ताह में कमी आएगी। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि भारी बारिश की वजह से हुए नुकसान के बावजूद प्याज के उत्पादन में कमी नहीं आएगी।

कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि संवाददाताओं से कहा कि प्याज की कमी अस्थायी स्थिति है। भारी बारिश की वजह से कर्नाटक व महाराष्ट्र में फसल प्रभावित हुई है। बुवाई क्षेत्र पिछले साल की तुलना में अधिक है। ऐसे में उत्पादन में कमी की संभावना नहीं है।

इसी तरह की राय जाहिर करते हुए वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि देश में प्याज की कोई ‘वास्तविक’ कमी नहीं है और आगामी सप्ताह में इसके दाम नीचे आएंगे। आपूर्ति की कमी की वजह से कल देश के कुछ प्रमुख शहरों के खुदरा बाजारों में प्याज 100 रुपये किलो तक पहुंच गया।

पवार ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान से आपूर्ति बढ़ने से दो-तीन सप्ताह में प्याज के दाम नीचे आएंगे। उन्होंने कहा, ‘उत्पादन अच्छा है, सवाल यह है कि कब बाजार में इसकी भारी मात्रा में आवक आएगी।’ इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि स्थिति में आगामी दिनों में सुधार होगा।

खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में तेजी के बारे में पवार ने कहा कि नासिक में किसानों को इसका प्रति किलो 45 रुपये का भाव मिल रहा है। मुझे समझ नहीं आता कि यह 90 रुपये किलो कैसे बिक रहा है। सरकार प्याज को नियंत्रित नहीं करती और न ही प्याज बेचती है। कीमत बाजार से तय होती है।

शर्मा ने कहा कि प्याज की वास्तव में कमी नहीं है। ‘मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताह में कीमतों में स्थिरता आएगी। हम निर्यात को दोष नहीं दे सकते। न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बढ़ाया गया है और निर्यात लगभग न के बराबर है।

उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से फसल का नुकसान हुआ है और इससे जमाखोरी बढ़ी है। इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने पवार और खाद्य मंत्री के वी थॉमस के साथ प्याज संकट पर बैठक की।

बैठक के मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति गंभीर है। हम कीमतों में स्थिरता लाने का प्रयास कर रहे हैं। हम मोबाइल वैनों के जरिये प्याज की बिक्री फिर से शुरू करने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखेंगे। दीक्षित ने कहा कि व्यापारी और जमाखोर स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। नाफेड को बिना लाभ हानि के आपूर्ति सुधारने को कहा गया है।
पवार ने आगामी सप्ताहों में प्याज की अत्यधिक आपूर्ति की चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे कीमतों में भारी गिरावट आएगी।

उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की चिंता है कि एक-दो महीने बाद किसान कीमतों में भारी गिरावट की शिकायत करेंगे। पवार ने कहा कि कीमतों में उछाल के लिए निर्यात पर दोष नहीं मढ़ा जा सकता, क्योंकि निर्यात न के बराबर है और व्यापारियों को घरेलू बाजार में अच्छा दाम मिल रहा है। इस समय वैश्विक स्तर पर प्याज का दाम 500 से 550 डालर प्रति टन है, जबकि घरेलू स्तर पर इसका दाम 850 डालर प्रति टन पर है।
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