पीएम ब्रुनेई, इंडोनेशिया का 4 दिवसीय दौरा खत्म कर स्वदेश रवाना

पीएम ब्रुनेई, इंडोनेशिया का 4 दिवसीय दौरा खत्म कर स्वदेश रवाना जकार्ता: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ब्रुनेई और इंडोनेशिया की अपनी चार दिवसीय यात्रा समाप्त कर आज स्वदेश रवाना हो गए। मनमोहन ने अपनी इस यात्रा के दौरान भारत की ‘पूर्व की ओर देखो’ (लुक ईस्ट) नीति को आर्थिक संबंधों से आगे बढ़ाने के साथ ही सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक, आपदा प्रबंधन और भ्रष्टाचार से मुकाबले जैसे क्षेत्रों में सहयोग को विस्तारित किया।

एशिया प्रशांत क्षेत्र के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिहाज से यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण थी। मनमोहन ने ब्रुनेई में आसियान और पूर्वी एशियाई सम्मेलनों के इतर जापान और आस्ट्रेलिया जैसी एशियाई महाशक्तियों के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। मनमोहन ने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के समूह आसियान के 10 सदस्य देशों के लिए पूर्णकालिक राजदूत के साथ अलग से एक दूतावास स्थापित करने की भी घोषणा की।

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भारत.आसियान व्यापार को वर्ष 2015 तक 100 अरब डालर करने के लिए आसियान देशों द्वारा वर्ष 2013 के अंत तक सेवाओं और निवेशों पर एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। प्रधानमंत्री आसियान शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नौ से दस अक्तूबर तक ब्रुनेई दारूस्सलाम में थे। पूर्वी एशिया सम्मेलन एशियाई देशों और उसके साझेदार देशों जैसे चीन, भारत, आस्ट्रेलिया जापान और अमेरिका शामिल हैं।

ब्रुनेई के बाद प्रधानमंत्री इंडोनेशिया की अपनी पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा के लिए 10 अक्तूबर को जकार्ता पहुंचे। प्रधानमंत्री यद्यपि बहुपक्षीय और क्षेत्रीय सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए यहां तीन बार आ चुके हैं। भारत और इंडोनेशिया के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए जिनमें स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार निरोधक, मादक पदार्थ, आपदा प्रबंधन और शिक्षा शामिल हैं।

दोनों देश वाषिर्क सम्मेलन आयोजित कर अपनी रणनीतिक साझेदारी को विस्तारित करने पर सहमत हुए। संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों का एक समूह गठित किया जाएगा। दोनों देशों के बीच सहयोग के जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है उनमें अंतरिक्ष, परमाणु उर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, जेहादी ताकतों से सीमा पार खतरा शामिल हैं।

भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा, नौवहन जैसे क्षेत्रों में सहयोग विस्तारित होगा तथा सुरक्षा सहयोग के लिए एक वृहद कार्य योजना विकसित की जाएगी। इंडोनेशिया में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार तथा अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल थे।

मनमोहन ने यहां पर कालीबाता हीरोज कब्रिस्तान में श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री का मेदेकेरा महल प्रांगण में राजकीय स्वागत किया गया। उन्होंने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग योधोहोनो के साथ अपनी बैठक से पहले वहां पर अतिथि पुस्तिका में टिप्पणी भी लिखी। गत रात योधोहोनो और उनकी पत्नी अनी बामबांग योधोहोनो ने नेगारा महल में मनमोहन और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए एक राजकीय भोज का आयोजन किया।

अधिकारियों ने कहा कि आसियान और अन्य एशिाई देशों के साथ संबंध अब अधिक रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं तथा सहयोग आर्थिक मुद्दों से आगे सुरक्षा, रक्षा, गुप्तचर साझेदारी आदि जैसे क्षेत्रों में विस्तारित हुआ है। सेवाओं और निवेशों में मुक्त व्यापार समझौते पर इस वर्ष के हस्ताक्षर होने और जुलाई 2014 तक लागू होने के बाद व्यापार के क्षेत्र में संबंधों में भी कई गुना की बढ़ोतरी होगी।

अधिकारियों ने दोनों देशों में मनमोहन की बैठकों के बारे में कहा कि आसियान नेता अब उम्मीद करते हैं कि भारत के साथ सुरक्षा आयाम सहयोग मजबूत होगा। विभिन्न नेताओं ने नौवहन सुरक्षा मुद्दे पर चर्चा की तथा जिन अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है उनमें आतंकवाद से मुकाबले के उपाय, गैर परंपरागत सुरक्षा खतरे तथा आपदा शमन एवं प्रबंधन शामिल हैं।

भारत ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि वहां पर नौवहन की स्वतंत्रता अंतरराष्ट्रीय नियमों के आधार पर होनी चाहिए तथा आचार मानदंड संहिता के नियम जल्द स्वीकार करके मुद्दे का समाधान जल्द निकलना चाहिए। इस मुद्दे पर चीन द्वारा एक अलग रूख अख्तियार करने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों ने कहा कि अन्य देशों का चाहे कोई भी विचार क्यों ना हो, भारत अपनी स्थिति को लेकर बहुत स्पष्ट है। संप्रभुता के मुद्दे पर देशों के बीच निश्चित रूप से कुछ मतभेद हैं लेकिन भारत अपने इस रूख पर दृढ़ है कि इन मुद्दों का समाधान अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत सलाह मशविरे से होना चाहिए।
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