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हाईकोर्ट ने दी ज्वाला को राहत, खेलने की अनुमति

हाईकोर्ट ने दी ज्वाला को राहत, खेलने की अनुमति नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरूवार को देश की शीर्ष युगल खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा को बड़ी राहत देते हुए भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) को निर्देश जारी किए कि वह ज्वाला को टूर्नामेंटों में खेलने की अनुमति दे।
          
हालांकि हाईकोर्ट की इस राहत के बावजूद ज्वाला डेनमार्क ओपन में हिस्सा नहीं ले पाएंगी क्योंकि इस टूर्नामेंट से उनका नाम पहले ही वापस लिया जा चुका है। टूर्नामेंट की ड्रॉ लिस्ट में भी ज्वाला का नाम नहीं है।
          
ज्वाला और उनकी जोड़ीदार अश्विनी पोनप्पा को टूर्नामेंट के पहले राउंड में टॉप सीड चीन की शियोली वांग और यांग यू के खिलाफ खेलना था। लेकिन बाद में चीनी जोड़ी को वॉकओवर दे दिया गया। बाई ने डेनमार्क और फ्रेंच ओपन के लिए भारतीय टीम की घोषणा की जिसमें ज्वाला और अश्विनी के नाम नहीं है।
 
हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि ज्वाला को टूर्नामेंटों में खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए। विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता ज्वाला ने अनुशासनात्मक समिति के निर्णय के खिलाफ अदालत में अपील की थी।
        
उल्लेखनीय है कि अनुशासनात्मक समिति ने शीर्ष खिलाड़ी पर इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) के दौरान कथित तौर पर अनुचित व्यवहार करने के लिए आजीवन प्रतिबंध की सिफारिश दी है। इसके अलावा उन्हें अगले एक महीने तक किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं है।
        
आईबीएल में कथित तौर पर उनके अनुचित व्यवहार को लेकर बाई की तीन सदस्यीय समिति एक महीने के भीतर मामले पर अपना निर्णय सुनाएगी। समिति का अंतिम निर्णय आने तक ज्वाला को बाई ने किसी टूर्नामेंट के लिए चुनने से इंकार किया है।
        
30 वर्षीय ज्वाला ने अदालत में कहा कि बाई ने उन्हें किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। ज्वाला ने अपनी अपील में बाई के स्वतंत्र तीन सदस्यी पैनल को भी रद्द करने की मांग की है जिसे ज्वाला पर आजीवन प्रतिबंध को लेकर की गई सिफारिश पर निर्णय लेना है।
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