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बैंक लाइसेंस प्रक्रिया को नियमित बनाने पर रिजर्व बैंक कर रहा विचार

बैंक लाइसेंस प्रक्रिया को नियमित बनाने पर रिजर्व बैंक कर रहा विचार नई दिल्ली: देश के विभिन्न क्षेत्रों तक बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि वह बैंक लाइसेंस प्रक्रिया को और खुला तथा नियमित बनाने पर विचार कर रहा है।

केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह बैंकिंग क्षेत्र में उतरने की व्यवस्था को सबके लिए खुला बना सकता है।

रिजर्व बैंक डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने कहा ‘इम इन विचारों को आगे ले जाना चाहते हैं। हम क्षेत्र में जरूरी सुधार और नियमन के वास्ते विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगे और संबंद्ध पक्षों से उनके सुझाव और टिप्पणियां मिलने के बाद लाइसेंस प्रक्रिया को अधिक नियमित और खुला बनाएंगे।’

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पारदर्शिता और उद्यमिता के उच्च मानकों के मुताबिक नए बैंक लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में है।

आरबीआई ने भारत में बैंकिंग क्षेत्र पर चर्चा पत्र पेश किया है जिस पर नियामक ने संबद्ध पक्षों से टिप्पणी मांगी है।

उन्होंने कहा, दस्तावेज में छोटे बैंकों और थोक कारोबार करने वाले बैंकों के लिए अलग-अलग लाइसेंस देने, लगातार लाइसेंस देने और बड़े शहरी सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक बैंकों में बदलने की संभावनाओं की तलाश की गई है।

फिलहाल केंद्रीय बैंक नए बैंक लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में है जिसके लिए उसे 26 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों से आवेदन मिले हैं। आरबीआई जनवरी 2014 तक लाइसेंस जारी कर सकता है।

शीर्ष बैंक ने इन आवदेनों की जांच के लिए पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक वाह्य समिति गठित की है।

चक्रवर्ती ने कहा, आरबीआई निजी क्षेत्र की इकाइयों को बैंकिंग लाइसेंस प्रदान करने पर विचार कर रहा है ताकि बैंकिंग प्रणाली का इतना विस्तार हो सके कि वह आधुनिक अर्थव्यवस्था की जरूरत पूरी कर सके और बैकिंग सेवा की पहुंच बढ़ सके।
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