नवजोत सिंह सिद्धू अब नहीं करेंगे आमरण अनशन
जनता जनार्दन डेस्क ,
Sep 28, 2013, 12:42 pm IST
Keywords: अमृतसर बीजेपी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की अकाली सरकार खिलाफ अनशन फैसला वापस Amritsar BJP MP Navjot Singh Sidhu SAD government of Punjab Against Anshan To decide
नई दिल्ली: अमृतसर से बीजेपी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब की अकाली सरकार के खिलाफ अनशन करने का फैसला वापस ले लिया है। वह आज से अपनी ही सरकार के खिलाफ आमरण अनशन करने वाले थे।
सिद्धू अपने लोकसभा क्षेत्र का फंड रोके जाने से नाराज हैं। उन्होंने खुद बताया था कि बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्हें मामले पर चुप रहने को कहा था। सिद्धू के अनशन करने के फैसले को पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी 'अनुचित' बताया था। शुक्रवार को मीडिया को जारी बयान में सिद्धू ने कहा था, 'संसद का निर्वाचित सदस्य होने के नाते मुझे पता है कि अमृतसर के विकास की ओर मेरी जिम्मेदारियां क्या हैं। मैं किसी की आलोचना किए बगैर और किसी के खिलाफ बोले बिना अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करूंगा। मैं कल (शनिवार) से आमरण-अनशन पर बैठूंगा। ' इसके बाद मोहाली में मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि सिद्धू को यह कदम नहीं उठाना चाहिए था क्योंकि इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता था। राजनाथ ने चुप रहने को कहा था: सिद्धू शुक्रवार को ही दिल्ली से लौटे सिद्धू ने कहा था, 'पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मुझे चुप रहने का निर्देश दिया था, लेकिन अमृतसर के लिए मेरी ड्यूटी को रोका नहीं जा सकता। ' उन्होंने कहा, 'सब जानते हैं कि मैं ऐसा अतिवादी कदम क्यों उठा रहा हूं और कैसे 6 में से मेरी पांच परियोजनाओं ठोस कचरा प्रबंधन, शहर बस सेवा, विविध खेल परिसर और भंडारी पुल के विस्तार को रोक दिया गया। ' उन्होंने यह भी कहा था कि आमरण अनशन करने का फैसला उनका व्यक्तिगत है। सिद्धू ने पीठ में छुरा घोंपा: जयराम रमेश वहीं चंडीगढ़ पहुंचे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि सिद्धू पहले कांग्रेस में शामिल होने वाले थे, फिर बीजेपी में शामिल होकर उन्होंने पीठ में छुरा घोंप दिया। रमेश ने पत्रकारों से कहा, 'मैंने बार-बार उनसे पूछा था कि आप कितने दिन वहां रह पाएंगे। ऐसी जगह जहां आपको सम्मान नहीं मिलेगा और आपको खतरे के रूप में देखा जाएगा। मैंने उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलवाया था, लेकिन अचानक वह बीजेपी के उम्मीदवार बन गए। यह पीठ पर छुरा भोंकने जैसा था हालांकि मैंने उन्हें कभी बताया नहीं। 'रमेश ने 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले सिद्धू को कांग्रेस में शामिल होने का न्यौता दिया था। |
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