सस्ती लौकी भी है बड़े काम की चीज

जनता जनार्दन डेस्क , Sep 21, 2013, 13:45 pm IST
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सस्ती लौकी भी है बड़े काम की चीज नई दिल्ली: लौकी जिसे आप बड़े चाव से खाते हैं, आपको पता है मनुष्य द्वारा सबसे पहले उगाई गयी सब्जी लौकी ही थी|यही लौकी इतनी बिमारियों की दुश्मन है जिसे सुनकर आप चौंक जायेंगे|

लौकी को उबालकर उसमें कम मसाला डालकर सब्जी बनाकर खाने से यही लौकी मूत्रल (डायूरेटीक), तनावमुक्त करनेवाली (सेडेटिव) और पित्त को बाहर निकालने वाली औषधि है।

वहीँ अगर डायरिया से प्रभावित हैं तो लौकी का जूस हल्के नमक और चीनी के साथ मिलकर पी लीजिये क्योंकि यह जूस यह प्राकृतिक जीवन रक्षक घोल बन जाता है।

अगर लौकी का जूस निकालकर नींबू के रस में मिलाकर सुबह सुबह पीने से यह प्राकृतिक एल्कलाएजर का काम करता है और कैसी भी पेशाब की जलन चंद पलों में ठीक हो जाती है। वहीँ अगर लौकी के रस को सीसम के तेल के साथ मिलाकर तलवों पर हल्की मालिश करें तो सुखपूर्वक नींद आती है।

अगर आप एसिडीटी, पेट क़ी बीमारियों एवं अल्सर से हों परेशान, तो घबराएं मत बस लौकी का रस है इसका समाधान। इसके साथ-साथ लौकी का रस मिर्गी और अन्य तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित बीमारियों में भी फायदेमंद है। अगर लौकी क़ी सब्जी का सेवन पर्याप्त मात्रा में किया जाता है तो पुराने से पुराने कब्ज को भी दूर कर देती है। इसलिए लौकी को हल्का न समझें, इसके गुण बड़े भारी हैं |

हैजा होने पर 25 एम.एल. लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे मूत्र बहुत आता है। खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है। हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

लौकी में श्रेष्‍ठ किस्म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है। लौकी श्‍लेषमा रहित आहार है। इसमें खनिज लवण अच्‍छी मात्रा में मिलते है।

लौकी के बीज का तेल कोलेस्‍ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शक्‍ति देता है। यह रक्‍त की नाडि़यों को भी तंदुरस्त बनाता है। लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्‍ज, पीलिया, उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्‍तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।
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