मुश्किल में मुशर्रफ, बेनजीर हत्याकांड में आरोप तय

मुश्किल में मुशर्रफ, बेनजीर हत्याकांड में आरोप तय इस्लामाबाद: पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 2007 में हुई हत्या के मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ एक आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) में मंगलवार को औपचारिक रूप से आरोप पत्र दाखिल किया गया।

यह जानकारी वकीलों ने दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, भुट्टो की हत्या के दौरान देश के राष्ट्रपति रहे मुशर्रफ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। पूर्व राष्ट्रपति अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुए।

रावलपिंडी में 27 अगस्त, 2007 को एक चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद हुई गोलीबारी और आत्मघाती हमले में भुट्टो की मौत हो गई थी। एटीसी के न्यायाधीश चौधरी हबीब-उर-रहमान ने इस मामले में छह अन्य को भी आरोपी बनाया है, जिसमें दो पूर्व पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

हत्या के मामले की जांच कर रही संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने इस मामले में मुशर्रफ के खिलाफ रावलपिंडी शहर स्थित एटीसी में आरोपपत्र दाखिल किए हैं।

एफआईए ने मुशर्रफ के खिलाफ चार बिंदुओं वाला आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें उन पर भुट्टो की हत्या के संबंध में साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं। इस आरोप पत्र में चार प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज हैं, जिसमें अमेरिकी पत्रकार मार्क सीगल और स्वयं भुट्टो के बयान शामिल हैं।

एफआईए के अधिकारियों का कहना है कि आरोप पत्र सीगल के बयान के आधार पर तैयार किया गया है, जिन्होंने दावा किया है कि मुशर्रफ ने भुट्टो को उस समय धमकी दी थी, जब वह उनके साथ बैठे हुए थे।

अमेरिका में भुट्टो के लॉबिस्ट का काम कर चुके सीगल ने कहा कि बेनजीर ने उनसे कहा था कि उन्हें यदि कोई नुकसान होता है तो उसके लिए मुशर्रफ जिम्मेदार होंगे।

इसके पहले उन्होंने कहा था कि मुशर्रफ ने जब इन आरोपों का खंडन किया था तो उस समय वह भुट्टो के साथ लंदन में थे। आरोप पत्र में कहा गया है कि सीगल के बयान में मुशर्रफ को मुख्य आरोपी बताया गया है। इसमें उन पर आतंकवाद के आरोप भी लगाए गए हैं।

इसके मुताबिक मुशर्रफ इस मामले में खुद को निर्दोष साबित करने में नाकाम रहे हैं। एटीसी ने पिछले साल सीगल को अदालत में आकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए सम्मन भेजा था।

मुशर्रफ के खिलाफ यह आरोप पत्र प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की उस घोषणा के कुछ हफ्ते बाद दाखिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि संविधान को निरस्त करने के आरोप में उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा।
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