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गे पॉर्न देखने में पाकिस्तानी सबसे आगे

गे पॉर्न देखने में पाकिस्तानी सबसे आगे लंदन: अमेरिकन मैगजीन मदर जोंस ने गूगल ट्रेंड्स की स्टडी करके पाया है कि गे पॉर्न देखने के मामले में पाकिस्तानी सबसे आगे हैं। सेक्स से जुड़ी सामग्री सर्च करने वाले देशों में पाकिस्तान सबसे ज्यादा 100 रेटिंग पॉइंट्स लेकर टॉप पर है। वह भी तब, जब पाकिस्तान में गे सेक्स गैरकानूनी है और पकड़े जाने कड़ी सजा हो सकती है। पाकिस्तान के अलावा नाइजीरिया में भी गे पॉर्न खूब देखा जाता है। इसके अलावा ब्रिटिश अखबार ने प्यून रिसर्च सेंटर के एक सर्वे का भी हवाला दिया है, जिसमें पाकिस्तानी समलैंगिकता का पुरजोर विरोध करते हैं, लेकिन हैरत की बात ये है कि गे पॉर्न देखने में वे सबसे आगे हैं।

लेस्बियन, गे, बाइसे‍क्सु अल और ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) की स्वीकार्यता को लेकर प्यू रिसर्च सेंटर ने 29 देशों में सर्वे कराया। इसके नतीजे हाल में पूरी दुनिया में प्रकाशित हुए। इन नतीजों से यह बात सामने आई कि नाइजीरिया और पाकिस्तान का समाज एलजीबीटी को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करता। पाकिस्तान की गिनती उन देशों में होती है जहां पर समलैंगिकता के बारे में बात करना भी गुनाह समझा जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि इंटरनेट पर गे पॉर्न सर्च करने वाले देशों में पाकिस्तान का नंबर ही सबसे पहले आता है। इसमें भी खास बात यह कि कट्टर और पुराने ख्यालात रखने वाले शहर पेशावर से सबसे ज्यादा गे पॉर्न सर्च किया जाता है।

समलैंगिकता का विरोध करते हैं पर देखते भी हैं

डेली मेल के मुताबिक एक रिसर्च सेंटर ने 39 देशों की लिस्ट बनाई है, जो होमोसेक्शुऐलिटी के एकदम खिलाफ है। सर्वे के दौरान पाकिस्तान में लोगों से पूछा गया कि क्या समाज को समलैंगिक रिश्तों को स्वीकार कर लिया जाना चाहिए? इस पर सिर्फ 2 पर्सेंट लोगों ने हां कहा, जबकि बाकी लोग इसके सख्ता खिलाफ थे। पाकिस्तान के अलावा नाइजीरिया में भी हालात खराब हैं। यहां पर सिर्फ दो पर्सेंट लोगों ने माना कि समलैंगिकता को स्वीकार किया जाना चाहिए।

इसके अल्वा ट्यूनिशिया में 2, घाना, मिस्र और इंडोनेशिया में 3 पर्सेंट लोगों ने समलैंगिकता को स्वीकार्यता देने की बात कही। यह तो बात रही विरोध की। स्पेन ऐसा देश है, जहां पर सबसे ज्यादा 88 पर्सेंट लोगों ने कहा कि समलैंगिक रिश्ते समाज को स्वीकार कर लेने चाहिए। इसके बाद जर्मनी में 87 पर्सेंट, चेक रिपब्लिक और कनाडा में 80 पर्सेंट, ऑस्ट्रेलिया में 79 पर्सेंट, फ्रांस में 77 और ब्रिटेन में 76 पर्सेंट लोगों ने समलैंगिकता को मान्यता देने की बात कही।
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