'भारत का कर्ज' अब उतारना चाहते हैं मोदी

'भारत का कर्ज' अब उतारना चाहते हैं मोदी नई दिल्ली: आगामी आम चुनाव में पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाए जाने की पुरजोर मांग के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे देश का कर्ज उतारना चाहते हैं। एक पुस्तक विमोचन समारोह में मोदी ने कहा कि लोग कह रहे हैं नरेंद्र मोदी ने गुजरात का कर्ज चुका दिया है, अब हिंदुस्तान का कर्ज चुकाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह केवल मोदी ही नहीं, बल्कि भारत से प्रेम करने वाला हर भारतीय करे। हमें जो भी अवसर मिले उसका सदुपयोग अपनी मातृभूमि का कर्ज चुकाने के लिए करना चाहिए।

हालांकि मोदी ने अपनी इस बात के अर्थ का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन उनके समर्थक अगले आम चुनाव में उन्हें भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाए जाने की मांग लगातार कर रहे हैं। मोदी का यह बयान संयोग से उसी दिन आया है, जब कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान यह साफ किया है कि वे प्रधानमंत्री बनने की होड़ में शामिल नहीं हैं।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर बच्चे का कर्तव्य है कि वह भारत माता का कर्ज चुकाए। मोदी ने कहा कि न सिर्फ मोदी, बल्कि हर बच्चे और नागरिक का भारत माता के प्रति ऋण है। यह उसका कर्तव्य है कि जब भी अवसर आए, वह उसे चुकाए। एक डॉक्टर किसी की जान बचाकर भारत माता के प्रति अपना कर्ज चुकाता है। एक शिक्षक बच्चों को पढ़ाकर ऐसा करता है।

वर्ष 2014 के आम चुनाव में राष्ट्रीय राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका के संबंध में भाजपा में कई लोगों की मांग रही है। राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार होने का साफ संकेत देते हुए मोदी ने कहा कि हर किसी को यह ऋण चुकाना है। मुझे उम्मीद है कि भारत माता आर्शीवाद देती हैं और कोई व्यक्ति कर्ज चुकाए बिना नहीं जाता।

मोदी को हाल ही में भाजपा संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है, जो पार्टी में निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। कइयों का मानना है कि मोदी को संसदीय बोर्ड में शामिल किया जाना उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए औपचारिक उम्मीदवार मनोनीत किए जाने का पहला कदम है।

मोदी ने राजनीतिक अर्थ वाली यह टिप्पणी उस समय की, जब वह पुस्तक के लेखक आर पी गुप्ता के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, कि मोदीजी ने गुजरात का कर्ज चुका दिया है, अभी भारत मां का कर्ज चुकाना है।

मोदी ने दिल्ली में सीआईआई के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी के भाषण पर कोई टिप्पणी नहीं की। राहुल ने अपने भाषण में समावेशी विकास की बात की थी। उन्होंने संभवत: मोदी का जिक्र करते हुए कहा था कि जब आप समुदायों को अलग थलग करने की राजनीति करते हैं, तो आप लोगों और विचारों के प्रवाह को रोकते हैं। जब वैसा होता है, तो हम सभी प्रभावित होते हैं।

मोदी ने कहा कि गुजरात ने विकास की राजनीति पर राष्ट्रीय एजेंडा तय किया है। उन्होंने कहा कि आज देश में आर्थिक मुद्दों पर चर्चा हो रही है, विकास की एक नई प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है और गुजरात को गर्व है कि उसने विकास की राजनीति पर देश में राष्ट्रीय एजेंडा तय किया है। उन्‍होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में विकास को लेकर सकारात्मक प्रतिस्पर्धा है।
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