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महिला विधायकों पर ज्यादती के विरोध में विधानसभा स्थगित

महिला विधायकों पर ज्यादती के विरोध में विधानसभा स्थगित तिरूवनंतपुरम: सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के विरोध में निकाली गई रैली के दौरान दो महिला विधायकों के साथ कथित तौर पर धक्का मुक्की करने वाले पुलिस कर्मियों को निलंबित करने से सरकार के इंकार के विरोध में केरल विधानसभा में आज विपक्षी एलडीएफ के हंगामे के कारण बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

गृह मंत्री तिरूवंचूर राधाकृष्णन ने कहा कि सरकार ने केरल पुलिस विभाग दंड एवं अपील नियमों के तहत जांच के मौखिक आदेश दिए हैं। इससे नाराज विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे।

विपक्षी नेता और माकपा के दिग्गज वी एस अच्युतानंदन ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह राधाकृष्णन ने सदन को आश्वासन दिया था कि माकपा विधायकों गीता गोपी और ई एस बिजिमोल के साथ कथित र्दुव्‍यवहार करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि एक अन्य जांच की घोषणा सिर्फ कार्रवाई में विलंब के लिए की गई है और राधाकृष्णन ने सदन का अपमान किया है।

एलडीएफ सदस्यों का विरोध जारी रहा। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष जी कार्तिकेयन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

गौरतलब है कि छह फरवरी को वाम समर्थक महिला कार्यकर्ताओं ने सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन के खिलाफ जांच की मांग करते हुए विधानसभा परिसर के समक्ष धरना दिया था।
ये महिलाएं इस मामले में नए खुलासों के मद्देनजर कुरियन के इस्तीफे की मांग कर रही थीं। धरने में दो महिला विधायक भी शामिल थीं। एलडीएफ ने न्यायिक जांच कराने का आदेश देने के यूडीएफ सरकार के फैसले का भी विरोध किया।

राधाकृष्णन ने कहा कि प्रक्रिया का पालन किए बिना सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। उन्हांने कहा कि विधायकों ने कथित र्दुव्‍यवहार करने वाले पुलिस कर्मियों के नाम नहीं बताए और वीडियो फुटेज में ऐसा कुछ नहीं नजर आया जिससे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत हो।

यह मामला इदुक्की जिले के सूर्यनेल्ली की एक लड़की से संबंधित है। इस लड़की का जनवरी 1996 में अपहरण कर विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया था और अलग अलग लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया था। कुरियर को इस मामले में बरी कर दिया गया था लेकिन पीड़ित ने हाल ही में उनका नाम लेते हुए उन्हें 1996 में अपने साथ हुई घटना का आरोपी बताया। उसने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय को एक पत्र लिखा और कुरियन के खिलाफ सभी आरोप खारिज करने के शीर्ष अदालत के आदेश की समीक्षा की मांग की।
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