पुलिस अधीक्षक को हटाकर सरकार ने घोटा लोकतंत्र का गला : भाजपा

पुलिस अधीक्षक को हटाकर सरकार ने घोटा लोकतंत्र का गला : भाजपा लखनऊ: भाजपा कांग्रेस तथा रालोद ने गोण्डा के पुलिस अधीक्षक को हटाकर पुलिस मुख्यालय से सम्बद्ध करने के सरकारी फैसले को लोकतंत्र का गला घोटना करार दिया है। इन्होंने कहा कि सपा सरकार को केसी पाण्डेय को हटाना चाहिए न कि पुलिस अधिक्षक को।

भाजपा ने गोतस्करों का स्टिंग आपरेशन कराने वाले गोण्डा के पुलिस अधीक्षक को पुलिस मुख्यालय से सम्बद्ध करने के सरकारी फैसले को “राज्य की कानून व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक निर्णय” की संज्ञा दी है। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज बुधवार को सम्वाददताओं से बातचीत करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री व अधिकांश मंत्री राज्य की नौकरशाही को गलत काम करने के लिए ही बार-बार धौंसिया रहे थे।

एक मंत्री ने उन्हें डंडे से ठीक होने वाली जमात भी कहा था। पुरानी सपा सरकार के समय भी नौकरशाही को दल-प्रतिबद्ध बनाने के लिए तमाम अधिकारी दण्डित अपमानित किये गये थे। बसपा सरकार के समय हुए तमाम घपलों में फंसे अधिकारियों का हश्र देखकर इस दफा नौकरशाही डरी हुई है। कुछेक अधिकारियों ने ही सपा के सामने आत्म समर्पण किया है। ज्यादातर संविधाननिष्ठ हैं और कानून का पालन कर रहे हैं।

गोण्डा के कप्तान को दण्डित कर सपा सरकार ने राज्य की समूची नौकरशाही को एक खतरनाक संदेश दिया है। दीक्षित ने कहा कि सपा सरकार का संदेश खतरनाक है कि अधिकारी सपा से जुड़े लोगों के अवैध धंधों में सहायक बनें, उनका कोई अपराध न देखें। लोकसेवक की भूमिक छोड़े और सपा का काम करें। एसपी ने स्टिंग आपरेश करके मजबूत साक्ष्य जुटाए थे। उसने अपना कत्र्तव्य पालन किया था। लेकिन ताजी घटना और उसके संदेश से अधिकारियों के मनोबल पर बुरा असर पड़ेगा। पहले से चौपट कानून व्यवस्था और भी ध्वस्त होगी। राज्य में सपा कार्यकर्ताओं की तानाशाही चलेगी। दीक्षित ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भाजपा इस मुद्दे को दोनो सदनों में उठाएगी।

उधर, राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा लिये गये निर्णय की निन्दा करते हुये कहा कि पशुओं की तस्करी करने वाले गोरखपुर के केसी पाण्डेय के खिलाफ कानून की कार्यवाही को रोकते हुये गोण्डा के ईमानदार, निष्ठावान, कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह राणा को हटाकर सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया। इस घटना ने सरकार की ईमानदारी, नैतिकता, चरित्र की पोल खोल दी। मुख्यमंत्री को प्रदेष में कानून व्यवस्था को चुस्त दुरस्त करने के लिए पशुओं की तस्करी कर रहे केसी पाण्डेय की लालबत्ती छीनकर उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही करते न कि ईमानदार पुलिस अधीक्षक पर कानून की धज्जियां उड़ाते हुये गाज गिराते।

चौहान ने आगे बताया कि गोण्डा के पुलिस अधीक्षक ने गोरखपुर के सपा के पदाधिकारी केसी पाण्डेय के खिलाफ पषुओं की तस्करी करने पर सख्त कार्यवाही करने की शासन से सिफारिष भी की थी तथा उन्हें आरोपित करते हुये उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश भी दिये थे। मुख्यमंत्री ने केसी पाण्डेय के बचाव में कहा था कि पषुओं की तस्करी का आरोप बसपा सरकार के दौरान केसी पाण्डेय पर लगा था जबकि केसी पाण्डेय को दिसम्बर 2012 में पषुओं की तस्करी में आरोपित किया गया था। पुलिस अधीक्षक ने उनके ऊपर कार्यवाही करते हुये गिरफ्तारी का आदेश दिया था जिसका खामियाजा राणा को उठाना पड़ा फलस्वरूप सरकार ने तत्काल प्रभाव से गोण्डा के पुलिस अधीक्षक पद से हटा दिया। इससे सरकार की नीति, नियत, और चरित्र का पता चलता है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मारूफ खान ने भी सरकार के इस फैसले की निन्दा करते हुए कहा कि अपराधियों को संरक्षण देने के अपने पिछले रिकार्ड को समाजवादी पार्टी की सरकार ने एक ही वर्ष में तोड़ दिया है। समाजवादी पार्टी सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए जहां राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के काम न करने का रोना रोती है वहीं इस प्रकार की प्रताडि़त करने वाली कार्यवाही अधिकारियों के मनोबल को गिराने वाली है। ऐसी कार्यवाही से जहां अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का हौसला बढ़ेगा वहीं ईमानदार एवं स्वच्छ छवि के अधिकारियों का मनोबल गिरेगा।
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