एफडीआई के खिलाफ एकजुट हुई पार्टियां

एफडीआई के खिलाफ एकजुट हुई पार्टियां नई दिल्ली: विदेशी कंपनियों को देश में किराना दुकानें चलाने के लिये पूंजी लगाने की अनुमति दिये जाने के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल (यू) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मंगलवार को यहां एक मंच पर जुटे और उन्होंने सरकार के इस कदम के खिलाफ बिगुल बजाकर निर्णायक अभियान छेड़ने का ऐलान किया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, जनता दल (यू) के अध्यक्ष और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता एबी वर्धन ने एक मंच पर खड़े होकर खुदरा व्यापार में एफडीआई का विरोध किया और मिलकर इस आंदोलन हो आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने आगामी सात मार्च को खुदरा एफडीआई के खिलाफ होने वाली रैली का भी समर्थन करने की घोषणा की।

इस कार्यक्रम का आयोजन व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट द्वारा किया गया। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने इस अवसर पर कहा खुदरा व्यापार में एफडीआई के खिलाफ यह लड़ाई अब वोट की लड़ाई बन चुकी है और आगामी सात मार्च को देशभर के व्यापारियों की महारैली होगी जिसमें विभिन्न दलों के राष्ट्रीय नेताओं को आमंत्रित किया गया है।

मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि वामदल और अनेक क्षेत्रीय पार्टियां खुदरा व्यापार में एफडीआई की अनुमति के खिलाफ एकजुट हुई हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में किसी तरह का राजनीतिक गठबंधन बनाये जाने से इनकार किया। उन्होंने कहा यह एकजुटता केवल खुदरा में एफडीआई के खिलाफ लड़ाई में है।

जोशी ने दोहराया कि उनकी पार्टी अथवा गठबंधन यदि सत्ता में आता है तो किराना दुकानों में विदेशी पूंजी लगाने की अनुमति देने संबंधी सरकारी आदेश निरस्त कर देगी। उन्होंने कहा कि यह साबित हो चुका है कि विदेशी कंपनियां रिश्वत के बल पर भारतीय बाजारों पर कब्जा करना चाहती हैं।

जोशी ने मांग की कि अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने लाबिंग पर जो 125 करोड़ रुपये खर्च किये उसका पता लगाया जाना चाहिये और पूरा ब्यौरा जनता के सामने रखा जाना चाहिये। उन्होंने खुदरा में एफडीआई की खिलाफत को आजादी की दूसरी लड़ाई बताया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता एबी वर्धन ने खुदरा में एफडीआई मामले में सरकार के तमाम दावों को गलत बताया। उन्होंने कहा किराना में विदेशी पूंजी आने से किसानों को फायदे की बात सरासर गलत है, किसानों को वही दाम मिलेंगे जो वॉलमार्ट अथवा केरफोर देना चाहेंगे।

वर्धन ने कहा खुदरा एफडीआई से खरीददारों को भी लाभ होने वाला नहीं है, हो सकता है शुरू में कुछ सस्ता मिले बाद में विदेशी कंपनियों का बाजार पर एकाधिकार होने पर मनमाने दाम होंगे। रोजगार के अवसर बढ़ने के सरकार के दावे को भी उन्होंने पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने दावा किया कि विदेशी कंपनियों के मॉल में यदि एक व्यक्ति को रोजगार मिलता है तो पुराने खुदरा व्यापार में 10 लोगों की रोजी छिनेगी।

शरद यादव ने कहा कि सरकार की बाजार नीति पूरी तरह असफल हो रही है। निर्यात घट रहा है, रुपया टूट रहा है, उद्योगों में उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ रहा है। रोजगार घट रहे हैं और अब सरकार छोटे छोटे व्यापारियों की रोजी रोटी भी छीनना चाह रही है, इसलिये सरकार के इस कदम का विरोध होना चाहिये।
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