सोनिया के 67वें जन्मदिन पर विशेष....

सोनिया के 67वें जन्मदिन पर विशेष.... नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का 9 दिसम्बर को 66वां जन्मदिन है| आज दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में गिनी जाने वाली सोनिया गांधी का जन्म इटली के मैनो परिवार 9 दिसम्बर 1946 को हुआ| उनका वास्तविक नाम एन्टोनिया मैनो है| शुरूआती शिक्षा के पश्चात, उन्होंने विदेशी भाषा सिखाने वाले एक शैक्षिक संस्था में दाखिला लिया और अंग्रेजी, फ्रेंच व रूसी भाषाएं सीखीं|

राजीव गांधी से मुलाक़ात
राजीव गांधी से सोनिया गांधी की मुलाकात कैंब्रिज में हुई थी, जहां वे अंग्रेजी भाषा में आगे की पढ़ाई कर रही थीं| उस समय राजीव ट्रिनिटी विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज में पढ़ते थे| दोनों का विवाह साल 1968 में दिल्ली में हुआ| विवाह के बाद सोनिया गांधी, राजीव गांधी की माता, इंदिरा गांधी के साथ भारत में रहने लगीं| उनकी दो संताने हैं पुत्र राहुल गांधी (जन्म 19 जून 1970), और पुत्री प्रियंका गांधी वड्रा (जन्म 12 जनवरी 1972)|

राजीव गांधी के साथ विवाह होने के काफी समय बाद उन्होंने 1983 में भारतीय नागरिकता स्वीकार की| सोनिया गांधी ने अपने वैवाहिक जीवन का अधिकांश समय, अपने परिवार की देखभाल करते हुए बिताया| अपनी सास इंदिरा गांधी के सहयोगी के रूप में भी अपनी जिम्मेवारियों को इन्होंने बखूबी निभाया|

सामाजिक विकास में सक्रिय भूमिका
सोनिया गांधी ने राजनीति में आने से पहले भी समाज के विकास में सक्रिय योगदान दिया| साल 1984 से 1991अपने पति राजीव गांधी के प्रधानमंत्री पद पर रहने और विपक्ष के नेता रहने के दौरान उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी, उत्तर प्रदेश के विकास कार्यों पर सोनिया गांधी ने पूरा ध्यान दिया| खासतौर पर स्वास्थ्य संबंधी कैंप एवं जन कल्याण कार्यों को उन्होंने अपनी भागीदारी से बहुत बढ़ावा दिया|

मई 1991 में अपने पति की हत्या के बाद कोंग्रेस के वरिष्ट नेताओं ने सोनिया से पूछे बिना उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा कर दी, लेकिन सोनिया ने इसे स्वीकार नहीं किया और राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति अपनी घृणा और अविश्वास को इन शब्दों में व्यक्त किया कि मैं अपने बच्चों को भीख मांगते देख लूँगी, परंतु मैं राजनीति में कदम नहीं रखूँगी|

राजनीतिक जीवन
सोनिया गांधी ने अक्टूबर 1999 में बेल्लारी, कर्नाटक से और साथ ही अपने दिवंगत पति के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी, उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा और करीब तीन लाख वोटों की विशाल बढत से विजयी हुईं| 1999 में 13वीं लोक सभा में वे विपक्ष की नेता चुनी गयी|

2004 के आम चुनाव में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, जिसके परिणाम-स्वरूप कांग्रेस पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आयी और कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनी| इस चुनाव में सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली क्षेत्र से सांसद चुनी गयीं।

कांग्रेस पार्टी ने सर्वसम्मति से संसद में उनको अपना नेता चुना और जनता की अपेक्षा थी कि वे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी परंतु उन्होंने इस पद के लेने से इंकार किया और डॉ. मनमोहन सिंह को गठबंधन सरकार का नेता नियुक्त किया। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष होने के अलावा वे संसदीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं|

मई, 2006 तक वे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष रहीं। राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने समय समय पर सरकार को महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक मुद्दों पर सुझाव दिये| परिषद के सुझावों पर आधारित जो योजनाएं व नीतियां कार्यरूप में सामने आयीं, उनमें राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना, सूचना का अधिकार, राष्टीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना, मिड डे मील स्कीम, जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन और राष्ट्रीय पुनर्वास नीति शामिल हैं|

वर्तमान समय में सोनिया गांधी एक भारतीय नेता है और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्रमुख है| रायबरेली उत्तर प्रदेश से सांसद सोनिया गांधी 15वीं लोक सभा में न सिर्फ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की, बल्कि यूपीए की भी प्रमुख है| वे 14वीं लोक सभा में भी यूपीए अध्यक्ष थीं|

पुस्तकों से भी है सम्बन्ध
उन्होंने अपने पति व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर दो पुस्तकें लिखी हैं - 'Rajiv' और 'Rajiv?s World'। इसके अलावा दो भाग में समाहित पुस्तकों - 'Freedom?s Daughter' एवं 'Two Alone, Two Together' का सम्पादन भी किया है| जिनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बीच, 1922 से 1964 के दौरान हुए पत्राचार का संकलन किया गया है|

इंदिरा गांधी की प्रतिमूर्ति
सोनिया गांधी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री व् अपनी सास इंदिरा गांधी की तरह संघर्षवादी प्रवृति की महिला हैं| उन्होंने देश के योगदान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है| इंदिरा गांधी की तरह ही सोनिया गांधी पर्यावरण, वंचितों के सशक्तिकरण, खासतौर पर महिलाओं, एवं बच्चों के कल्याण हेतु मुद्दों में खास रूचि लेती हैं| सोनिया गांधी ने अपने जुझारू व्यक्तित्व से कई महिलाओं को साहस और धैर्य के साथ जीवन जीने की शिक्षा दी है|
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