मोरक्कन फिल्मों पर भी बॉलीवुड की छाप

मोरक्कन फिल्मों पर भी बॉलीवुड की छाप कोलकाता: मोरक्कन फिल्म निर्माण उद्योग फ्रांसीसी प्रभाव से मुक्त हो चुका है, वहीं उस पर बॉलीवुड का असर बढ़ रहा है। यह मानना है कि मोरक्को के एक प्रमुख फिल्म निर्माता अहमद बॉलेन का।

लंबे समय तक फ्रांस के कब्जे में रहे इस उत्तरी अफ्रीकी देश का फिल्म उद्योग भी फ्रांसीसी प्रभाव के दायरे में रहा है। 18वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भाग लेने आये बॉलेन ने कहा, "बॉलीवुड की फिल्में ज्यादा नाटकीय और फंतासी होती हैं, जबकि हमारी फिल्में सामाजिक और राजनीतिक यथार्थ पर केंद्रित होती हैं। तो भी मैंने महसूस किया है कि बॉलीवुड का मोरक्कन फिल्म उद्योग पर असर है।"

बॉलेन कई बॉलीवुड सितारों के फैन हैं। उन्होंने कहा, "हमारे देश के लोग बॉलीवुड की फिल्में पसंद करते हैं। मैं खुद अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान का दीवाना हूं। मेरे देश में ऐसे भारतीय सितारों को चाहने वालों की कमी नहीं है।"

इस फिल्म महोत्सव में उनकी फिल्म 'ले रिटूर डू फिल्स' दिखाई गई, जो एक ऐसे युवक की कहानी है जो अपनी फ्रांसीसी मां के हाथों अपहृत होने के 15 साल बाद अपने पिता से मिलने मोरक्को आता है।

अपने महादेश में सिनेमा के सामने पैदा संकट के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पायरेसी इस उद्योग की प्रगति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। वे कहते हैं, "फिल्म के रिलीज होने के चंद दिनों के भीतर ही बाजार में पायरेटेड वर्जन उपलब्ध हो जाता है। ऐसे में सिनेमा घरों में दर्शकों की भीड़ कम हो जाती है।"
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