सम्पत ने बुंदेली भाषा को दिलाई पहचान

सम्पत ने बुंदेली भाषा को दिलाई पहचान झांसी: बुंदेलखंड को अलग पहचान दिलाने में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने अहम भूमिका निभाई है, तो अब रियलिटी शो 'बिग बॉस 6' में भाग ले रहीं गुलाबी गैंग की सम्पत पाल के जरिए बुंदेली बोली को पहचान मिल रही है।

ऐसा नहीं है कि बुंदेलखंड को देश जानता ही नहीं था, रानी लक्ष्मीबाई से लेकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने इस इलाके को कर्मस्थली बनाया मगर यहां की वास्तविकता से लोग अनजान थे।

बुंदेलखंड दस्यु समस्या से लेकर गरीबी, भुखमरी व पलायन के चलते चर्चाओं में रहा है मगर राजनीति के क्षितिज पर इस इलाके को राहुल गांधी की सक्रियता के चलते अलग पहचान मिली। राजनीतिक दलों की नजरों में इस इलाके की समस्याएं तब आईं जब राहुल ने यहां के कई दौरे कर गरीबों के घरों में रातें गुजारी।

बुंदेलखंड के किसानों ने फसलें बर्बाद होने के कारण या तो आत्महत्या का रास्ता चुना या फिर पलायन कर गए। राजनीति की पाठशाला बनाकर राहुल गांधी ने इस इलाके को न केवल करीब से जाना बल्कि यहां के लिए विशेष पैकेज भी मंजूर कराया। उसके बाद से बुंदेलखंड राजनीतिक मुद्दा ही बन गया।

यही हाल यहां की बोली बुंदेली का है। दीगर क्षेत्रीय भाषाओं में आ रही फिल्में व छोटे पर्दे के कार्यक्रम उन्हें आम जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मसलन भोजपुरी बोली के गीत आम हो चले है मगर बुंदेली गीतों की पहुंच कम लोगों तक ही है।

छोटे पर्दे के चर्चित कार्यक्रम 'बिग बॉस 6' में गुलाबी गैंग की कमांडर सम्पत पाल अपनी बात बुंदेली मिश्रित हिंदी में रखकर आम दर्शक को बुंदेली बोली से परिचित कराने का काम कर रही हैं। इतना ही नहीं कभी-कभी तो वे बुंदेली अंदाज में गीत भी गाने लगती हैं।

सम्पत पाल बुंदेलखंड में महिलाओं सहित अन्य लोगों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली गुलाबी गैंग की मुखिया हैं। गैंग की सदस्य गुलाबी साड़ी पहनती हैं। सम्पत का आक्रामक अंदाज कई बार 'बिग बॉस 6' में भी नजर आ जाता है।

सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह मानते हैं कि सम्पत द्वारा शो में बुंदेली भाषा के शब्दों का इस्तेमाल किए जाने से बुंदेली बोली की पहचान बढ़ेगी।

उन्होंने कहा, "आने वाले समय में अवधी, भोजपुरी व मैथिली की तरह सिनेमा व टीवी कार्यक्रमों में बुंदेली भी सुनाई देगी। वर्तमान में सामंती व्यवस्था को लेकर बन रहे कार्यक्रमों में बुंदेली बोली का इस्तेमाल साफ नजर आता है।"

बुंदेली को मिल रही पहचान से नई सम्भावनाएं जन्म लेने लगी हैं। यहां के कलाकारों को लगता है कि अगर बुंदेली की मांग रुपहले व छोटे पर्दे पर बढ़ी तो आने वाले दिन उनके लिए संवर सकते हैं।
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