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अंतरिक्ष में भारत का शतक

अंतरिक्ष में भारत का शतक श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रविवार सुबह 9:51 बजे पीएसएलवी का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। भारत के 100 वें मिशन के पूरा होने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री रविवार सुबह 9:51 मिनट पर छोड़े गए पीएसएलवी लॉन्च के गवाह भी रहे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो अपने इस शतकीय लॉन्चिंग के साथ फ्रांस और जापान का एक-एक उपग्रह भी साथ लेकर गया है।

इसरो की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री ने सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसको देश की एक बड़ी उपलब्धि बताया। इस मिशन के बाद अब इसरो की निगाहें मार्स मिशन पर लगी हैं। पीएसएलवी का यह 21 वां लॉन्च था। भारत इससे पहले बीस बार इसका सफल प्रक्षेपण कर चुका है।

शुक्रवार को इसरो के 100वें मिशन के लिए 51 घटे की उल्टी गिनती शुक्रवार सुबह 6.51 बजे आध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र में शुरू हो गई थी। इस मिशन के बाद अब निगाहें भारत के मिशन मार्स पर लगी हैं। भारतीय प्रक्षेपण यान, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन ने रविवार सुबह 9.51 बजे अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान किया।

पीएसएलवी के इस मिशन के साथ 715 किलोग्राम वजन वाला फ्रांस का उपग्रह स्पॉट 6, पीएसएलवी द्वारा छोड़ा जाने वाला अबतक का सबसे वजनी विदेशी उपग्रह होगा। जबकि जापानी उपग्रह का वजन 15 किलोग्राम है और इसका नाम प्रॉयटेरेस है।

इसरो की व्यावसायिक शाखा, एंट्रिक्स कॉरपोरेशन और फ्रांसीसी कंपनी एस्ट्रियम एसएएस वैश्रि्वक बाजार में दूरसंवेदी उपग्रह चित्रों में एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं। स्पॉट और भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह, दो प्रमुख पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह श्रृंखलाएं हैं।

इसरो के अनुसार, एंट्रिक्स और एस्ट्रियम के बीच उपग्रह प्रक्षेपण समझौता दोनों एजेंसियों के बीच सितंबर 2008 में हुए एक दीर्घकालिक समझौते का हिस्सा है।

एंट्रिक्स एवं एस्ट्रियम के बीच एक समझौते के तहत एक यूरोपीय ग्राहक के लिए नवम्बर 2010 में एक संचार उपग्रह एचवाईएलएएस निर्मित किया गया था। पीएसएलवी प्रक्षेपण यान अबतक 54 प्रक्षेपित उपग्रहों में से कुल 53 उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है।

इसरो अपने सभी 27 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है। इसरो के अनुसार भारत ने 62 उपग्रहों का निर्माण किया और 37 प्रक्षेपण यानों को छोड़ा। पहला उपग्रह आर्यभट्ट था और प्रक्षेपण यान उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएलवी) था।
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