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कोडनानी को 28 साल, बाबू बजरंगी को मरने तक कैद

कोडनानी को 28 साल, बाबू बजरंगी को मरने तक कैद अहमदाबाद: 28 फरवरी 2002 को नरोडा पाटिया दंगों में 97 लोगों की हत्या के मामले में अहमदाबाद की विशेष अदालत ने नरेंद्र मोदी की करीबी पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 साल कैद की सजा सुनाई है। वीएचपी के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मरने तक जेल में ही रहने की सजा दी गई है। कुल 31 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

माया कोडनानी को दो मामलों में सजा सुनाई गई है जिनमें एक में उन्हें 10 साल की तो दूसरे में 18 साल की सजा सुनाई गई है और दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। कोर्ट ने बाकी आरोपियों को 10+21 यानी 31 साल की कैद की सजा सुनाई है। पीड़ितों के लिए लड़ाई लड़ रहीं सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने फैसले का स्वागत किया है।

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषियों को सजा देना न्याय के हित में होगा। इतने लोगों को एक ही जगह पर एक साथ निर्दयता के साथ मार देना लोकतंत्र पर काला धब्बा है। दोषियों में से कई तो पूरे दिन मौके पर मौजूद रहे ये बहुत गंभीर है।

कोर्ट ने कहा कि अगर दोषियों को सजा नहीं दी गई तो कानून की अहमियत नहीं रहेगी। कोर्ट ने कहा कि माया कोडनानी ने कहा है कि वो राजनीति की शिकार हैं, कोर्ट इसे तथ्यहीन मानता है। सजा-ए-मौत के दो पहलू हैं और दोनों पहलू पर कोर्ट ने सोचा है। ये दंगा अमानवीय, शर्मनाक और मानव अधिकारों का हनन है।
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