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हिमालय क्षेत्र में भारी बारिश से तबाही, 32 की मौत

जनता जनार्दन संवाददाता , Aug 05, 2012, 11:17 am IST
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हिमालय क्षेत्र में भारी बारिश से तबाही, 32 की मौत

नई दिल्ली: उत्तर भारत में अनियमित बारिश का दौर जारी है। शनिवार को भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में जहां छह लोगों की मौत हो गई वहीं जम्मू एवं कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी के कारण उत्तर प्रदेश के छह जिलों में भयंकर बाढ़ आ गई। उधर, दिल्ली, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सूखे का दौर जारी है।

उत्तराखंड में कुदरत की मार किसी तबाही से कम नहीं है। यहां एक साथ तीन तीन जगहों पर बादलों ने तबाही मचाई है। बादल फटने से उत्तराखंड के साथ हिमाचल प्रदेश के भी कई इलाकों में जमकर बारिश हुई है जिसके चलते कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। कुदरत का सबसे ज्यादा कहर दिखा उत्तराखंड में ही दिखा है। यहां उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में पानी मौत बनकर बरसा है।

शुक्रवार देर रात जब उत्तरकाशी के लोग गहरी नींद में थे तभी तेज आवाज के साथ बादल फटा और इसके बाद तो मानो सैलाब आ गया। उत्तरकाशी के स्वर्णघाट और संगम चट्टी में आई तबाही ने दर्जनों लोगों की जान ले ली। सड़कें, मकान, गाड़ियां और यहां तक कि टनों वजनी लोहे के पुल तक बह गए। सबसे ज्यादा नुकसान गंगाघाटी इलाके में हुआ।

लगातार जारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन के कारण वार्षिक चार धाम यात्रा रोकनी पड़ी जिससे हजारों तीर्थयात्री फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्री गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ व केदारनाध धाम के रास्ते में फंसे हुए हैं।

सरकार ने पुष्टि की है कि वार्षिक चार धाम यात्रा पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि अगले दो दिन तक और भारी बारिश होने की चेतावनी के बीच आपदा प्रबंधन व शमन केंद्र के लिए हाईअलर्ट जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

इन सभी क्षेत्रों में कुल 30 लोगों को बाढ़ का पानी लीली गया जबकि 50 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। प्रशासन के मुताबिक जिले में करीब 600 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। 70 मकान और 10 होटल जमींदोज हो गए हैं। उत्तरकाशी शहर की एक बस्ती के करीब 200 मकान खतरे की जद में हैं। वहीं, चमोली और पिथौरागढ़ में भी जबरदस्त नुकसान की खबर है।

उत्तरकाशी और चमोली में तबाही का तांडव मचाने के बाद बारिश और बाढ़ का पानी आगे बढ़ रहा है। कई इलाकों में भूस्खलन और चट्टान गिरने के चलते रास्ते बंद हो गए हैं जिसकी बजह से पीड़ित लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है।

स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटक भी अचानक आई आफत के शिकार हुए हैं। कई जगह सड़क धंसने के बाद चार धाम और गंगोत्री यात्रा रोक दी गई है। नैनीताल में कोशी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। हरिद्वार में गंगा भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।

हिमाचल में भी कुदरत ने जमकर तबाही मचाई है। मनाली के सोलंगनाला के नजदीक बादल फटने से आई बाढ़ की वजह से करीब सौ करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान की आशंका है। अचानक आई बाढ़ की वजह से पलचान के करीब सड़क बहने से मनाली-लेह मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। हजारों लोग जहां-तहां फंस गए हैं।

रास्ते बंद होने की वजह से मनाली और रोहतांग पास घूमने गए हजारों पर्यटक मुसीबत में हैं। मनाली-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग से एक शव बरामद किया गया है। फिलहाल करीब 100 करोड़ के नुकसान का अनुमान है।

कश्मीर के कठुआ और जम्मू में शनिवार को बाढ़ में 22 लोग फंस गए, जिन्हें बाद में पुलिस और ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। कश्मीर के रामबन सेक्टर में हुए भूस्खलन के कारण शनिवार को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। भू स्खलन के चलते वैष्णो देवी यात्रा पर भी असर पड़ा है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले यातायात नियंत्रण कक्षों से संपर्क करें। बाढ़ के चलते चिनाब, तवी आदि ज्यादातर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।

पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर मैदानों में भी दिख रहा है। हरियाणा के यमुनानगर में यमुना के जलस्तर में उछाल आने से सैकड़ों एकड़ फसल तबाह हो गई है। औधरी गांव में तीन लोग पानी में फंस गए जिन्हें बाद में सुरक्षित निकाल लिया गया। हथनी कुंड बैराज में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है

वहीं यूपी में भी नदियां उफान पर हैं। आजमगढ़ में घाघरा नदी ने दो बच्चों की जान ले ली। उत्तराखंड और नेपाल मे हो रही जबरदस्त बारिश के चलते सरयु और घाघरा नदियां उफान पर हैं तो वहीं गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है जिसके चलते वाराणसी में भी लोगों को सावधान रहने को कहा गया है।

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