रहुल ने कहा, आदेश करें मैं बड़ी भूमिका के लिए तैयार हूं

रहुल ने कहा, आदेश करें मैं बड़ी भूमिका के लिए तैयार हूं

नई दिल्ली: पार्टी और सरकार में सक्रिय भूमिका निभाने या सरकार शामिल होने के सवाल पर हमेशा चुप रहने वाले राहुल गांधी ने कहा है कि वह अब इसके लिए तैयार हैं। राहुल गांधी ने कहा, 'मैं पहले से ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हूं। मैं सरकार और संगठन में बड़ी भूमिका निभाऊंगा। लेकिन मेरी भूमिका के बारे में (दोनों बासों को) पार्टी आलाकमान और प्रधानमंत्री को तय करना है। यह टिप्पणी करते समय सोनिया गांधी भी उनके साथ खड़ी थी।

' राहुल के इस बयान को 2014 में लोक सभा चुनाव में उनकी भूमिका से जोड़ कर देखा दा रहा है। उनकी इस टिप्पणी से कांग्रेसी नेताओं को खासा सुकून मिला हैं।

राहुल गांधी ने यह बात गुरुवार को राष्ट्रपति पद के लिए लिए वोट डालने के बाद कही। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि यह कब होगा इस बारे में समय तय करने का कांम नेतृत्व पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि पार्टी और सरकार में बड़ी भूमिका निभाने का विकल्प खुला है।

राहुल की यह टिप्पणी सोनिया के इस बयान के बाद आयी है कि पार्टी में बड़ी भूमिका निभाने के बारे में फैसला राहुल को करना है। सोनिया ने बुधवार को संसद भवन में कहा था कि उनकी (राहुल) ओर से कोई फैसला नहीं कर सकता है। फैसला उन्हें ही करना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद राहुल से पार्टी में बड़ी भूमिका निभाने का आग्रह करते रहे हैं।

मिल रहे संकोतों के अनुसार राहुल गांधी पंचायत मामलों के मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री या पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष में से कोई एक जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। कांग्रेस के एक बड़े नेता का कहना है कि राहुल को किसी पद की दरकार नहीं हैं। पार्टी में माना जाता है कि वह हर जिम्मेदारी अपने तरीके से निपटाते हैं। इसमें उन्हें कोई दखलंदाजी पसंद नहीं। वह मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका से सलाह भले ही करें, लेकिन अंतिम फैसला उन्हीं का होता है।

पार्टी कार्यसमिति के एक सदस्य ने इशारा किया कि राहुल 2014 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर तैयारियों में जुटे हैं। यूपी चुनावों में राहुल की कोर टीम में रहे पार्टी के एक बड़े नेता के मुताबिक, राहुल की नजरें इससे पहले कई विधानसभा चुनावों पर भी हैं। कहते हैं राहुल को गुजरात चुनावों से काफी उम्मीदें हैं। वह वहां के लिए खास रणनीति बना रहे हैं। वास्तव में राहुल पार्टी की मजबूती के लिए आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं। वह पार्टी सांसदों, विधायकों व आम लोगों से मिलकर जमीनी हकीकत व समस्याएं समझने में जुटे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने बताया कि पहले राहुल से मिलना मुश्किल होता था, लेकिन अब वह आसानी से उपलब्ध हैं।

चुनावी योजनाओं के अनुसार राहुल अपनी नई टीम भी बना रहे हैं। वह युवा नेताओं और सांसदों के अलावा जमीनी स्तर से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भी भरोसा कर रहे हैं। बताते हैं कि कुछ समय पहले तक सिर्फ युवाओं को अपनी टीम में लेने वाले राहुल का नजरिया यूपी चुनावों के बाद बदला है। उन्हें अहसास हुआ है कि टीम में युवा और अनुभवी दोनों की जरूरत है। गौरतलब है कि अब तक राहुल गांधी यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई जैसे कांग्रेस से जुड़े संगठनों के कामकाज में ज़्यादा दिलचस्पी लेते रहे हैं।

कांग्रेस के मुख्य संगठन में उन्होंने अभी तक कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं ली है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी के नेता और सरकार के मंत्री राहुल के सरकार या संगठन में ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाने की मांग करते रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था कि उन्हें इस बात का इंतजार है कि राहुल गांधी ज़्यादा सक्रिय और बड़ी भूमिका निभाएं। इससे पहले विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और खुद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह राहुल गांधी को कैबिनेट में शामिल होने के लिए कह चुके हैं।

राहुल की इस टिप्पणी पर त्वरित प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए भाजपा की प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि इससे जाहिर होता है कि कांग्रेस में कोई आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बिहार और उत्तर प्रदेश में परखा है। आगे भी हम उन पर नजर रखेंगे।

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