मैं चीनी जासूस नहीं : करमापा
जनता जनार्दन संवाददाता ,
May 02, 2011, 19:05 pm IST
Keywords: Chinese spy चीनी जासूस एजेंट नहीं Karmapa करमापा Ogyen Trinley Dorje त्रिनले दोरजी
नई दिल्ली: 17वें करमापा ओगयेन त्रिनले दोरजी ने सोमवार को कहा कि वह चीनी जासूस नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जो विदेशी मुद्रा उनके मठ से बरामद हुई थी उसे श्रद्धालुओं ने दानस्वरूप दिया था। दोरजी ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं भारत में कोई चीनी जासूस या एजेंट नहीं हूं।" दोरजी तिब्बती भाषा में बोल रहे थे, उनका एक सहयोगी उसका अनुवाद कर रहा था।
दोरजी ने कहा, "करमापा संस्था के बारे में मीडिया में कई रपटें आई हैं। मैंने उस समय उन रपटों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की, क्योंकि उस समय जांच एक नाजुक दौर में थी और मैं अनावश्यक सार्वजनिक विवाद नहीं खड़ा करना चाहता था। लेकिन अब मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं भारतीयों लोंगों के प्रति उनके द्वारा दिए गए आतिथ्य के लिए बहुत आभारी हूं। मैं इस देश के हित के खिलाफ कभी भी कुछ नहीं करूंगा।" करमापा के सहयोगी के अनुसार, पांच करोड़ रुपये कीमत की विदेशी मुद्रा और एक करोड़ रुपये भारतीय मुद्रा 28 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास स्थित ज्ञोतो तांत्रिक युनिवर्सिटी और मठ से बरामद हुई थी। सहयोगी ने कहा, "पूरी धनराशि हमारे श्रद्धालुओं द्वारा दानस्वरूप दी हुई थी। हमने इसे भारतीय मुद्रा में परिवर्तित करने की अनुमति के लिए सरकार से अनुरोध किया था, लेकिन किसी कारण वश यह सम्भव नहीं हो पाया था।" दोरजी ने हालांकि स्वीकार किया कि उनके सहयोगियों में वित्तीय लेन-देन के मामले में पेशेवराना अंदाज का अभाव हो सकता है। उन्होंने कहा, "लेकिन मैं इस बात को खारिज करता हूं कि ऐसा किसी आंतरिक विवाद के कारण हुआ।" दोरजी ने कहा, "दलाई लामा तिब्ब्त के सभी स्कूलों व परम्पराओं के एक मात्र प्रमुख हैं। वह तिब्बत के सभी कार्यो के पीछे की प्रेरणा शक्ति हैं। ये सभी आरोप बहुत ही हृदयविदारक रहे हैं, क्योंकि जन्म और पहचान से एक तिब्बती होने के नाते जिसे अपने दलाई लामा में भरोसा होता है, उसके लिए इससे बड़ी ईश निंदा और कुछ भी नहीं हो सकती।" |
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