..यूं ही नहीं कहा जाता अमेरिकी फौज को इस्लाम का दुश्मन

..यूं ही नहीं कहा जाता अमेरिकी फौज को इस्लाम का दुश्मन वॉशिंगटन: अमेरिकी सेना में इस्लाम विरोधी भावना भड़काने और मुसलमानों से खुली जंग करने वाले एक प्रशिक्षण कार्यक्रम ने विवाद पकड़ लिया है। हालांकि इस्लाम के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने वाले एक सैन्य प्रशिक्षक को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से तो हटा दिया गया है लेकिन जिन सैनिकों का उसने ब्रेनवाश किया था वे आज सेना के महत्वपूर्ण ओहदों पर बैठे हुए हैं।

रशिया टुडे के अनुसार, सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल मैथ्यू ए डूली सेना के ज्वाइंट फोर्सेज स्टाफ कॉलेज में एक प्रशिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। उनके इस्लाम विरोधी भावना को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम की खबरें मीडिया में लीक होने के बाद इस कार्यक्रम को तो पिछले महीने बंद कर दिया गया लेकिन वह अभी भी कॉलेज में प्रशिक्षक की हैसियत से कार्यरत हैं।

कर्नल डूली के लेक्चरों से जुड़े दस्तावेजों से ज्ञात होता है कि उन्होंने सैन्य अधिकारियों का ब्रेनवाश करने के लिए इस्लाम के खिलाफ जमकर जहर उगला था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए सेना को इस्लाम के खिलाफ एक संपूर्ण लड़ाई छेड़ देनी चाहिए।

कर्नल डूली ने एक लेक्चर में कहा था कि विश्व के मुसलमानों का दस फीसदी हिस्सा कभी भी आपके साथ शांति से रहने का इच्छुक नहीं है जब तक कि आप उनके धर्म को अपना नहीं लें। अमेरिकी सेना का हिस्सा होने के नाते आपको हमारे साथ मिलकर इस सबके खिलाफ जंग छेड़ देनी चाहिए। कर्नल डूली के लेक्चरों को सुनने वाले कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल, कैप्टन और कर्नल रैंक के अधिकारी अमेरिकी सेना के अलग-अलग महकमों में काम कर रहे हैं।

कर्नल डूली ने इस इस्लाम विरोधी कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए समान विचार रखने वाले दूसरे प्रशिक्षकों के लेक्चर भी आयोजित कराए। पूर्व प्रोफेसर सेर्ग त्रिफ्कोविच ने तो राष्ट्रपति बराक ओबामा तक को नहीं बख्शा और एक वीडियो के माध्यम से उन्हें मुसलमान साबित करने का पूरा प्रयास किया। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के कर्मचारी जोन गुआंडोलो ने अपने लेक्चर में कहा कि इस्लाम मुसलमानों को यहूदियों और ईसाइयों से नफरत करना सिखाता है।.
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