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स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने पर जोर देगी सरकार

स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने पर जोर देगी सरकार

नई दिल्ली: युवाओं के कैरियर में अंग्रेजी के महत्व को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन मंत्रालय अब स्कूली शिक्षा में अंग्रेजी को बढ़ावा देने पर जोर देगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में प्रस्तावित 6000 मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने की योजना है। जिन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम लागू नहीं किया जा सकेगा वहां भी अंग्रेजी को प्रमुखता से पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी।

मानव संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वैश्विक मांग को देखते हुए केंद्र सरकार चाहती है कि बच्चों को स्कूली स्तर पर ही अंग्रेजी पढ़ाने की उत्कृष्ट सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

वर्तमान में देश में 13.62 लाख प्राथमिक व उच्चतर प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें से लगभग 53 फीसदी (7,19387) स्कूलों में हिंदी माध्यम से शिक्षा दी जा रही है जबकि 11.7 फीसदी (1,58866) स्कूल अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करते हैं। अन्य स्कूल भारतीय भाषाओं में संचालित किए जा रहे हैं।

मंत्रालय द्वारा पूर्व में कराए एक सर्वेक्षण में यह स्पष्ट हो चुका है कि अंग्रेजी माध्यम के ज्यादातर स्कूलों में बच्चों के अंग्रेजी बोलने व पढ़ने पर विशेष जोर नहीं दिया जाता है। विशेष रूप से पिछड़े जिलों में स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है।

मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित मॉडल स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर 3,500 स्कूल शैक्षणिक रूप से पिछड़े विकास खंडों में खोले जाएंगे। इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही इन स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी बोलने व पढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

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