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कविता
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जनता जनार्दन संवाददाता ,  Jul 22, 2021
साहित्य अकादेमी द्वारा वेबलाइन साहित्य श्रृंखला के अंतर्गत अस्मिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें चार भारतीय अंग्रेजी लेखिकाओं ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की. कार्यक्रम में भाग लेने वाली यह रचनाकार थीं - मिताली मधुस्मिता, नीलम चंद्रा, नेहा बंसल एवं नीतू. ....  समाचार पढ़ें
वरदान मांगूंगा नहीं..कर्तव्य पथ से किंतु भागूंगा नहीं.. गौरव अवस्थी ,  Jul 25, 2020
देश के श्रेष्ठ गीतकार एवं राजनेता बालकवि बैरागी ने इन पंक्तियों के लेखक को खुद एक संस्मरण ने बताया था की सुमन जी की वजह से ही वह उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाए. अगर उन्होंने आर्थिक एवं  शिक्षा में मदद ना की होती तो वह डिग्री धारी ना बन पाते. गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते का एक उदाहरण बैरागी जी के शब्दों में सुनिए- " तब हम मध्यप्रदेश शासन में उप मंत्री बन गए थे. उज्जैन के सरकारी दौरे पर जाना हुआ. उज्जैन जाएं और सुमन जी से नहीं मिले ऐसा हो नहीं सकता था. गेस्ट ....  समाचार पढ़ें
उपवास कब... अमित मौर्य ,  Apr 13, 2018
यह कविता लिखा है गूंज उठी रणभेरी साप्ताहिक अख़बार के संपादक अमित मौर्या ने,अमित मौर्या अक्सर बेबाक लेखनीय के लिए जाने जाते है,वाराणसी से इनका अखबार प्रकाशित होता है और तेजी से आगे बढ़ रहा है,वाराणसी से अमित मौर्या की कलम से जनता जनार्दन वेबसाइट में भी.... ....  समाचार पढ़ें
मनोज पाठक ,  Oct 02, 2016
पार्थो दा / साम गान / के / सुर और तान / स्पंदित प्रति पल ! ....  समाचार पढ़ें
ऐसे थे कवि अटलः 'रार नहीं मानूंगा' कहने वाले की जब 'मौत से ठन गई' जनता जनार्दन संवाददाता ,  Aug 16, 2018
अटल जी बेहद जिंदादिल इनसान थे. ऊंचाई पर पहुंचकर भी गर्व ने उन्हें नहीं छुआ था. अटल बिहारी वाजपेयी अगर राजनेता और भारत के प्रधानमंत्री न भी होते तो भी एक कवि, पत्रकार और हिंदी सेवी के रूप में देश की अनन्य सेवा करने के लिए जाने-पहचाने जाते. अटल जी एक राजनेता के साथ ही बेहतरीन वक्ता और कवि के तौर पर पूरे देश में चर्चित रहे. ....  लेख पढ़ें
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