गौरव अवस्थी ,
Jul 25, 2020
देश के श्रेष्ठ गीतकार एवं राजनेता बालकवि बैरागी ने इन पंक्तियों के लेखक को खुद एक संस्मरण ने बताया था की सुमन जी की वजह से ही वह उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाए. अगर उन्होंने आर्थिक एवं शिक्षा में मदद ना की होती तो वह डिग्री धारी ना बन पाते. गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते का एक उदाहरण बैरागी जी के शब्दों में सुनिए- " तब हम मध्यप्रदेश शासन में उप मंत्री बन गए थे. उज्जैन के सरकारी दौरे पर जाना हुआ. उज्जैन जाएं और सुमन जी से नहीं मिले ऐसा हो नहीं सकता था. गेस्ट ....
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अमित मौर्य ,
Apr 13, 2018
यह कविता लिखा है गूंज उठी रणभेरी साप्ताहिक अख़बार के संपादक अमित मौर्या ने,अमित मौर्या अक्सर बेबाक लेखनीय के लिए जाने जाते है,वाराणसी से इनका अखबार प्रकाशित होता है और तेजी से आगे बढ़ रहा है,वाराणसी से अमित मौर्या की कलम से जनता जनार्दन वेबसाइट में भी.... ....
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मनोज पाठक ,
Oct 02, 2016
पार्थो दा / साम गान / के / सुर और तान / स्पंदित प्रति पल ! ....
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